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अस्पतालों में 10 प्रतिशत बेड डेंगू मरीजों को आरक्षित: डॉ धन सिंह रावत

मानसून सीजन में डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों की सम्भावना के मध्यनजर प्रदेशभर में बचाव एवं नियंत्रण के लिये जनजागरूकता के साथ ही सर्च अभियान में तेजी लाई जायेगी। इसके साथ ही जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में सभी रेखीय विभागों के साथ बैठक कर माइक्रो प्लान तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करायेंगे। राज्य सरकार ने सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में 10 फीसदी बेड डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के लिये आरक्षित रखने के निर्देश विभागीय अधिकारीयों को दे दिये हैं।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाल सभागर में डेंगू बचाव व नियंत्रण को लेकर समीक्षा बैठक ली। जिसमें शासन के आलाधिकारियों के साथ ही जनपदों से जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला मलेरिया अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून सीजन में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया सहित वेक्टर जनित रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक बनी रहती है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को अन्य नोडल विभागों शिक्षा, शहरी विकास, ग्राम्य विकास, सूचना एवं लोक सम्पर्क आदि विभागों के साथ समन्वय कर वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिये अभियान तेज करने की जरूरत है। उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अपने क्षेत्र में ब्लड बैकों को अलर्ट रखने व प्लेटलेट्स तथा प्लाज्मा के रेट निर्धारित कर लगातार मॉनिटिंग करने को कहा। ताकि किसी भी मरीज को आवश्यकता पड़ने पर ब्लड, प्लाजमा व प्लेटलेट्स आसानी से उपलब्ध हो सके। डॉ. रावत ने जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में सभी रेखीय विभागों की बैठक आयोजित कर जागरूकता एवं सर्च अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये। खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी व टिहरी जनपदों के अधिकारियों को विशेष सर्तकता बरतने के निर्देश दिये। बैठक में प्रभारी अधिकारी एनएचएम डॉ. पंकज सिंह ने डेंगू नियंत्रण व रोकथाम को लेकर पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य में आतिथि तक डेंगू का कोई भी केस सामने नहीं आया है जो कि आम लोगों के साथ ही विभाग के लिये सुखद खबर है।

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6 लाख घरों में चला सर्च अभियान, 3 लाख लार्वा किये नष्ट
सूबे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताय कि इस वर्ष डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों के रोकथाम के लिये विभाग ने युद्ध स्तर पर अभियान चालया है। जिसका परिणाम है कि अब तक प्रदेश में एक भी डेंगू मरीज का केस सामने नहीं आया है। विभागीय अधिकारियों की देखरेख में अभी तक आशा के द्वारा 6 लाख घरों में सर्च अभियान चलाकर 23 लाख 64 हजार 375 कन्टेनर चेक गये गये। इस दौरान डेंगू के 3 लाख से अधिक लार्वा नष्ट किये गये। राज्य सरकार ने डेंगू की रोकथाम के लिये आशा एंव अन्य हेल्थवर्कर के साथ ही 220 डेंगू वॉलियंटियर्स तैनात किये हैं। जिसमें देहरादून जनपद में 140, हरिद्वार 40, नैनीताल 20, ऊधमसिंह नगर व पौड़ी जनपद में 10-10 डेंगू वॉलियंटियर्स शामिल हैं। जो अब तक एक लाख से अधिक घरों का सर्वे कर लार्वा निरोधात्मक कार्रवाई कर चुके हैं।

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सरकारी व निजी अस्पतालों में 2095 बेड किये आरक्षित
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के मरीजों के लिये प्रदेशभर के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में मच्छदानी युक्त 2095 बेड आरक्षित किये जा चुके हैं। जबकि सभी राजकीय चिकित्सालयों में डेंगू की जांच निःशुल्क उपलब्ध है। इसके अलावा डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों के प्रति जनजागरूकता के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के द्वारा बच्चों के लिये लिटिल चाणक्य कॉमिक्स तथा स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य रेखीय विभाग के कार्यों एवं जिम्मेदारियों पर आधारित अन्तर्विभागीय सामन्वयिक पत्रिका प्रकाशित की है जिसका विभागीय मंत्री द्वारा विधिवत विमोचन किया गया है।

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बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. राजेश कुमार, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तारा आर्य, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, प्राचार्य अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज डॉ. सी.पी. भैसोड़ा, सीएमओ देहरादून डॉ. संजय जैन, डॉ. आर.के.सिंह, डॉ. पंकज सिंह, सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।

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